

छत्तीसगढ़ :- राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में मंगलवार को आयोजित विश्व मानक दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “गुणवत्ता, पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकार” किसी भी विकसित राष्ट्र की बुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हर नागरिक मानक और गुणवत्ता को अपना धर्म बनाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता को “गुणवत्ता शपथ” दिलाई और कहा कि मानक केवल नियम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं।
कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आयोजित मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री ने बीआईएस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता विश्वास का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि “आज जब वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, तब भारतीय मानक ही हमारे उत्पादों की असली पहचान बन रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने बीआईएस और अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन किया और बीआईएस केयर ऐप को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और मानक क्लबों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता केवल औद्योगिक जगत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन और सामाजिक जीवन तक समान रूप से लागू होनी चाहिए। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने भी अपने संबोधन में कहा कि “जागो ग्राहक जागो” अभियान समाज में गुणवत्ता और सजगता का प्रतीक बन चुका है।
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल सोनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष सराफा उद्योग से जुड़ी प्रमुख मांग रखी। उन्होंने कहा कि “जैसे मध्यप्रदेश और राजस्थान में स्वर्णकला बोर्ड का गठन किया गया है, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी सुनार समुदाय, स्वर्णकला और कारीगरों के संरक्षण के लिए एक बोर्ड बनना चाहिए।” कमल सोनी ने बताया कि बीआईएस सराफा व्यवस्था लागू होने से व्यापार में पारदर्शिता और उपभोक्ता विश्वास दोनों बढ़े हैं, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों के बीच भरोसे की नई नींव पड़ी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रस्ताव को “लोकहित से जुड़ा विषय” बताते हुए सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि “सरकार जल्द इस विषय पर नीति बनाकर निर्णय लेगी। हमारा प्रयास है कि सराफा उद्योग से जुड़ी नीतियां और अधिक सरल, पारदर्शी और व्यावहारिक बनें, ताकि व्यापार को नई दिशा और गति मिले।” मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में परंपरागत सुनारी कला और हस्तशिल्प को राज्य की सांस्कृतिक पहचान के रूप में संरक्षित किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में कमल सोनी ने मुख्यमंत्री के प्रति सराफा व्यापारियों की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में गुणवत्ता, पारदर्शिता और विश्वास आधारित व्यापारिक वातावरण का निर्माण हो रहा है। इस मौके पर एनआईटी रायपुर के निदेशक एन. व्ही. रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थोरानी, इस्पात प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक ए. के. चक्रवर्ती, कैट अध्यक्ष परमानंद जैन और स्टील रिरोलर्स संघ के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री का संदेश स्पष्ट था — जब हर नागरिक गुणवत्ता को जीवन का हिस्सा बनाएगा, तभी सच्चे अर्थों में विकसित भारत का सपना साकार होगा।