

छत्तीसगढ़ ;- कलेक्टर–एसपी और डीएफओ कॉन्फ्रेंस में दिए सख्त निर्देश, सुशासन संवाद में “विकसित छत्तीसगढ़” की साझा दृष्टि
रायपुर |मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को राजधानी रायपुर में प्रशासनिक बैठकों की श्रृंखला में कानून-व्यवस्था, सुशासन और हरित विकास को लेकर कई अहम निर्देश दिए। मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर–एसपी कॉन्फ्रेंस, सुशासन संवाद (गुड गवर्नेंस समिट) और कलेक्टर–डीएफओ संयुक्त सम्मेलन के माध्यम से मुख्यमंत्री ने राज्य के समग्र विकास, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए स्पष्ट विज़न प्रस्तुत किया।
अपराधियों में हो कानून का भय, जनता में सुरक्षा का अहसास” — मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए जिससे अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का अहसास दोनों उत्पन्न हों। उन्होंने चेताया कि कानून-व्यवस्था के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को प्रशासनिक उदासीनता माना जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने सड़कों पर अव्यवस्था, चाकूबाजी और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने को कहा। गौ-तस्करी, धर्मांतरण और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों पर सघन निगरानी और कठोर दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा — “नशा अपराध की जड़ है। नशाखोरी पर रोक लगाना ही कानून-व्यवस्था सुधार की पहली शर्त है।” मुख्यमंत्री ने एनकॉर्ड (NCORD) के तहत राज्यव्यापी अभियान चलाने, सीमावर्ती जिलों में तस्करी रोकने और एनडीपीएस एक्ट के तहत समयसीमा में कार्रवाई करने को कहा।
सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर मुख्यमंत्री ने यातायात नियमों के सख्त पालन, ब्लैक स्पॉट सुधार, हेलमेट–सीट बेल्ट अनिवार्यता, और रात्रि में लाउडस्पीकर/डीजे पर रोक के निर्देश दिए।
साइबर अपराधों पर सख्त रुख — हर जिले में जागरूकता अभियान की तैयारी
कॉन्फ्रेंस में साइबर अपराधों पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को तकनीकी रूप से सशक्त करने पर बल दिया। साइबर हेल्पलाइन नंबर के प्रचार-प्रसार को जनसंपर्क विभाग के सहयोग से व्यापक बनाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ठगी, फिशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे अपराधों से जनता को जागरूक करने के लिए स्कूल, कॉलेज और पंचायत स्तर तक अभियान चलाने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन ही विकसित छत्तीसगढ़ की वास्तविक नींव है। शासन तभी सशक्त होगा जब अधिकारी अपने दायित्व को ईमानदारी और टीम भावना से निभाएंगे।”
सुशासन संवाद में ‘गुड गवर्नेंस’ की दिशा तय
मुख्यमंत्री साय सोमवार को मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित “सुशासन संवाद – गुड गवर्नेंस समिट” में शामिल हुए। कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव श्री विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, सचिव श्री राहुल भगत सहित सभी विभागीय सचिव, कलेक्टर और एसपी मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का अर्थ केवल योजनाओं का संचालन नहीं, बल्कि जनता के जीवन में सुरक्षा, सुविधा और संवेदना का संचार है। उन्होंने कहा — “हमारा लक्ष्य है विकसित छत्तीसगढ़, और इसकी राह पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी से ही प्रशस्त होगी।”
लघु वनोपजों से आत्मनिर्भरता की राह” — हरित विकास पर मुख्यमंत्री का फोकस
इसी दिन आयोजित कलेक्टर–डीएफओ कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लघु वनोपजों के माध्यम से ग्रामीण आत्मनिर्भरता और हरित विकास का रोडमैप तय किया। उन्होंने कहा कि राज्य के 12 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक हितग्राही हमारी साझा सफलता के प्रतीक हैं। अब आवश्यकता है कि वन उपज का अधिकतम वैल्यू एडिशन किया जाए और वन धन केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि ग्रामीणों को अधिक आय के साधन मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश का वन आवरण अब 46% हो चुका है, जिसमें “एक पेड़ मां के नाम” जैसी अभिनव पहल का अहम योगदान है। उन्होंने अधिकारियों को तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान 7 से 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित करने और एसएमएस के माध्यम से पारदर्शी सूचना प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए।
वनोपज आधारित स्टार्टअप्स और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपज आधारित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जाएगी। छत्तीसगढ़ हर्बल और संजीवनी ब्रांड के उत्पादों को देशभर के बाजारों में पहचान दिलाने के प्रयास जारी हैं। बैठक में औषधीय पौधों की खेती के विस्तार, जैविक प्रमाणन (Organic Certification) और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि राज्य अब 75 प्रकार की लघु वनोपजों की खरीदी करने जा रहा है, जिससे बस्तर और सरगुजा जैसे वनांचल क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।
सशक्त प्रशासन और आत्मनिर्भर ग्राम, यही विकसित छत्तीसगढ़ की नींव
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की लगातार बैठकों और संवादों का यह क्रम राज्य में सुशासन, सुरक्षा और सतत विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
जहां एक ओर अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने की दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लघु वनोपजों और हरित विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का विज़न भी स्पष्ट है।
मुख्यमंत्री का यह दोहरा दृष्टिकोण — “सुरक्षित समाज और समृद्ध छत्तीसगढ़” — आने वाले दिनों में राज्य के शासन तंत्र को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।